हरित क्रांति के बाद अब नील क्रांति की ओर अग्रसर हरियाणा

चंडीगढ़-  खेती में हमेशा आगे रहने वाला राज्य हरियाणा अब मछली और झींगा का पालन में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हरियाणा ने जमीनी स्तर पर नील क्रान्ति को सफल बनाने की शुरुआत सिरसा जिले से झींगा पालन के क्लस्टर प्रदर्शन फ़ार्म व प्रगतिशील झींगा किसानों की कार्यशाला के आयोजन के साथ की है। कार्यशाला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं  सिरसा जिले के किसानों की खारे पानी से झींगा पालन व्यवसाय आरम्भ करने के लिए सराहना की है। 
उल्लेखनीय है कि कृषि एवं किसान कल्याण तथा मत्स्य पालन मंत्री जेपी दलाल ने मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की पहल पर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को प्रदेश में अमलीजामा पहनाने की शुरुआत की है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2014 -15  में हरियाणा में सफेद झींगा पालन की शुरुआत 70 एकड़ क्षेत्रफल के  साथ की गई थी। इसकी सफलता के बाद करनाल, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, रोहतक, जींद, भिवानी, हिसार, सिरसा, रेवाड़ी, झज्जर, फतेहाबाद तथा चरखी दादरी जिलों  में सफेद झींगा पालन को अमल में लाया गया और इसी कड़ी में वर्ष 2021-22 के दौरान 1250 एकड़ क्षेत्र को झींगा पालन के अधीन लाकर 2900 मीट्रिक टन झींगा का रिकॉर्ड उत्पादन किया गया है। इसके साथ ही मत्स्य विभाग ने वर्ष 2022 -23 के दौरान इसका लक्ष्य दोगुना निर्धारित किया है जिसको पूरा करने के लिए विभाग ने कमर कस ली है और खारे पानी वाले क्षेत्रों में झींगा पालन तथा मीठे पानी वाले अन्य क्षेत्रों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की योजनाएं तैयार की हैं और किसानों का रुझान भी इसके प्रति बढ़ा है जिसका उदाहरण सिरसा जिले के किसानों में  देखने को मिला।  इसी प्रकार  हरियाणा में वर्ष 2014 में कुल 43 हजार एकड़ में 1 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन होता था और इस वर्ष यह लक्ष्य बढ़ाकर 54 हजार एकड़ और 2 लाख 10 हजार मीट्रिक टन रखा गया है।

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