
नई दिल्ली: वो साल था 1987। दूरदर्शन पर टीवी सीरियल रामायण (Ramayan) की शुरुआत हुई थी। यह रविवार सुबह आता था। उन दिनों इसकी पॉपुलैरिटी ने सबको पीछे छोड़ दिया था। टीवी पर इसका प्रसारण शुरू होते ही सड़कें वीरान हो जाती थीं। सारे कामकाज छोड़कर हर कोई इस दौरान टीवी से चिपक जाता था। मजे की बात यह है कि तब हर घर में टीवी भी नहीं होती थी। लोग आस-पड़ोस में जिसके घर में टीवी होती थी, रामायण देखने पहुंच जाते थे। लेकिन, किसी भी कीमत पर इसका एक भी एपिसोड नहीं छोड़ते थे। इस सीरियल की लोकप्रियता ने इसके पात्रों को भी अमर कर दिया। रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के इस टीवी सीरियल में अरुण गोविल (Arun Govil) ने राम का किरदार निभाया था। दीपिका चिखालिया (Dipika Chikhalia) सीता बनी थीं। सुनील लहरी (Sunil Lahri) बने थे लक्ष्मण। इन पात्रों की घर-घर पूजा होने लगी थी। आज भी लोग अरुण गोविल को भूले नहीं हैं। वे उन्हें प्रभु राम से जोड़कर ही देखते हैं। इसकी बानगी शुक्रवार को भी मिली। अरुण गोविल संभाजीनगर पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर अभिनेता के सम्मान में उनके पांव पर एक महिला लोट गई। वह भावविभोर हो गई। मानों उसे अपने ‘राम’ मिल गए हों।अरुण गोविल महाराष्ट्र के संभाजीनगर में रामलीला के आयोजन के मौके पर यहां पहुंचे थे। जब वह एयरपोर्ट से गुजर रहे थे तो एक महिला ने उन्हें देख लिया। टीवी पर अभिनेता को उन्होंने राम के किरदार में देखा था। वह अरुण गोविल को देखकर उनके पैरों में दंडवत हो गई। आस्था इतनी गहरी कि आंखों से आंसू भी आ गए। अरुण गोविल ने महिला से उठने का अनुरोध किया। फिर साथ में तस्वीर भी खिंचवाई।अरुण गोविल के साथ होते रहे हैं ये वाकयेअभिनेता अरुण गोविल के लिए यह कोई नहीं बात नहीं थी। रामायण के बाद से लोग उन्हें राम की छवि में ही देखते हैं। कभी घरों में उनकी और दीपिका की आरती उतारी जाती थी। उनके सामने दिए जलाए जाते थे। अरुण गोविल एक प्रोग्राम में दीपिका और सुनील लहरी के साथ आए थे। तब उन्होंने कई किस्से सुनाए थे। यह भी बताया था कि इस सीरियल के बाद उन पर किस हद तक नैतिक जिम्मेदारी बढ़ गई थी।