Happy Dussehra Wishes: बुराई का हो विनाश, दुखों का हो नाश, दशहरा लाया खुशियों की आस, आपको शुभ हो यह त्योहार

Dussehra 2022 Wishes: आज 05 अक्टूबर को देशभर में विजयादशमी और दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है. आज इस पावन अवसर पर आप भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बधाई और शुभकामना संदेश भेजकर उनके दिन को स्पेशल बनाएं. Dussehra 2022 Wishes: आज 05 अक्टूबर को देशभर में विजयादशमी और दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है. इस दिन सुबह में शस्त्र पूजा की जाती है. यह शस्त्र मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक होते हैं, जिनका उद्देश्य सत्य और धर्म की रक्षा करना है. आज विजयादशमी के अवसर पर शाम के समय में रावण का दहन करते हैं और खुशियां मनाते हैं. देशभर में दशहरा के मेले का आयोजन होता है. इस दिन बच्चे, बड़े, बुजुर्ग, महिलाएं सभी नए कपड़े पहनते हैं और इस त्योहार का उत्सव मनाते हैं. दशहरा के अवसर पर शमी के पेड़ की पूजा करने की भी परंपरा है. जहां जहां पर मां दुर्गा की प्रतिमाएं रखी गई हैं, वहां वहां पर दुर्गा विसर्जन का कार्यक्रम भी आयोजित होगा. आज दशहरा के इस पावन अवसर पर आप भी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बधाई और शुभकामना संदेश भेजकर उनके दिन को स्पेशल बनाएं. उन्हें भी शुभकामना संदेश भेजें ताकि उनको भी मां दुर्गा का आशीर्वाद मिले. आप इन बधाई संदेशों को अपने फेसबुक मैसेज और व्हाट्सएप स्टेटस के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. बुराई रूपी रावण का सर्वनाश होसभी के मन में श्रीराम का वास होदशहरा की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!असत्य पर सत्य की जीत हो,अधर्म पर धर्म पड़े हमेशा भारीदशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! अन्याय पर न्याय की विजय हो,अच्छाई की रोशनी से दूर हो बुराई का अंधकारविजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं!बुराई का हो विनाशदशहरा लाए खुशियों की आससंकटों और दुखों का हो नाशदशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं! भगवान राम आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का आशीर्वाद दें.आपके जीवन से सभी तरह से संकट दूर हों.दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं क्यों मनाते हैं विजयादशमीहिंदू धर्म में विजयादशमी या दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. मान्यता के अनुसार, इस दिन श्री राम ने अत्याचारी रावण का वध किया था. उसके बाद से लोग प्रत्येक वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्षम की दशमी तिथि को वजयादशमी मनाते हैं. इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाया जाता है. रावण के दस सिर का अर्थ जानेंदुर्गा नवमी के अगले दिन विजयादशमी पड़ता है. यह पर्व लंका के राजा रावण पर श्री राम की जीत का प्रतीक है. रावण के दस सिर दस तरह की बुराइयों को दर्शाते हैं. वासना, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, लोभ, भय, जड़ता, घृणा, घमंड, क्रोध को दर्शाता है रावण के ये दस सिर. दशहरा शब्द संस्कृत शब्द दशा और हारा से मिलकर बना है. दशा का मतलब होता है दस, जो रावण का प्रतिनिधित्व करता है और हारा का मतलब है हार जाना. राम भगवान ने रावण के घमंड को जड़ से उखाड़ फेका था और उसे युद्ध में मात दी थी. साथ ही इस दिन मां दुर्गा ने भी राक्षस महिषासुर का वध किया था. अलग-अलग राज्यों में दशहरा मनाने का अलग अंदाजदशहरा का पर्व देश के अलग-अलग राज्यों में अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. कुल्लू में दशहरे पर भगवान रघुनाथ की पूजा की जाती है तो कोलकाता शहर का सिंदूर खेला बहुत मशहूर है. इसमें विवाहित महिलाएं दुर्गा जी को सिंदूर, मिठाई चढ़ाकर एक-दूसरे को भी सिंदूर लगाती है. मैसूर के दशहरा में जुलूस जंबू सवारी और भव्य झांकी निकाली जाती है. गुजरात में दशहरा के दिन देवी दुर्गा की पूजा के बाद गरबा खेला जाता है. उत्तर भारत, दिल्ली में झांकियां निकालने के साथ ही रामायण की घटनाओं का मंचन, रामलीला में रावण दहन, भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. सिर्फ श्रीराम से ही नहीं, इनसे भी हारा था रावणरामायण के अनुसार, श्रीराम ने राणव को तो युद्ध में हराया ही था, इसके अलावा रावण चार अन्य योद्धाओं से भी युद्ध में पराजित हुआ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार घमंडी रावण कैलाश पर्वत पर शंकर भगवान से युद्ध करने जा पहुंचा और अपनी ताकत के बल पर कैलाश पर्वत को उठाने लगा. लेकिन, भोलेनाथ ने सिर्फ अंगूठे से ही कैलाश पर्वत का भार इतना बढ़ा दिया कि रावण उसके नीचे दब गया. वानर बाली, दैत्यराज बलि, सहस्त्रबाहु अर्जुन को भी रावण ने युद्ध के लिए ललकारा था, लेकिन सभी से पराजित हो गया था.

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