
जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में आने वाले लोग कई बार जानकारी न होने के चलते ओपीडी खिड़की पर ठगी का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में आमजन को अस्पताल में मिलने वाली सुविधा से वंचित न होना पड़े, इसके लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ओपीडी काउंटर पर फ्लेक्स लगवाए जा रहे हैं। जिन पर निशुल्क बनने वाली पर्ची का ब्यौरा लिखा होगा। इसके अलावा बैनर पर यह भी जानकारी होगी कि यह पर्ची एक वर्ष तक काम करेगी। आपको ओपीडी पर्ची के लिए दोबारा रुपये देने की जरूरत नहीं है। अगर पर्ची के लिए कोई आप्रेटर या अन्य व्यक्ति पैसे मांगता है तो इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाती हैं।जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल 200 बैड का है। 100 बैड का अस्पताल पुरानी बिल्डिंग तथा 100 बैड का अस्पताल नई बिल्डिंग में चलाया जा रहा है। दोनों ही बिल्डिंग में ओपीडी को लेकर पांच रुपये की पर्ची काटी जाती है। यह पर्ची कुछ के लिए फ्री होती है तो कुछ को पांच रुपये देने होते हैं। जो एक वर्ष तक काम करती है लेकिन जानकारी न होने के बावजूद हर बार लोग दोबारा से पर्ची कटवाते हैं जबकि ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज होने के बावजूद एक साल तक ओपीडी पर्ची के रुपये देने नहीं होते हैं। लेकिन कई लोगों से रुपये ले लिए जाते थे। जिसकी शिकायत स्वास्थ्य अधिकारियों को मिल रही थी।शिकायतें संज्ञान में आने पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने ओपीडी पर्ची काउंटर के पास निशुल्क पर्ची की सूची को लेकर बैनर लगवाने का निर्णय लिया है। इस बैनर पर निशुल्क पर्ची बनने वाली पर्ची की जानकारी होगी। जिससें बताया जाएगा कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे, आयुष्मान कार्ड धारक, हरियाणा के बीपीएल, एएवाई राशन कार्ड धारक, प्रसव पूर्व महिलाओं की 42 दिन बाद तक मुफ्त पर्ची बनती हैं। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लाभार्थी आरबीएसके, डीईआईसी की पर्ची फ्री बनती है। घरेलू हिंसा, यौन उत्पीडन उत्तरजीवियों की पर्ची मुफ्त बनाई जाती है। बंदियों का/न्यायालय के आदेशानुसार/पुलिस अभिरक्षा में आए व्यकितयों की पर्ची मुफ्त बनती है। स्वतंत्रता सेनानियों की पर्ची मुफ्त बनती है।नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि अस्पताल में एक बार ओपीडी पर्ची बनवाए जाने पर पूरे वर्ष के लिए यह पर्ची काम करती है। एक बार ओपीडी पर्ची कटवाए जाने के बाद उस पर लगी पर्ची स्लिप को दिखा कर दोबारा पर्ची बनवाई जा सकती है और इसके लिए दोबारा रुपये देने की जरूरत नहीं होती है। आमजन की जागरूकता के लिए पर्ची काउंटर के पास बैनर लगवाए जा रहे हैं।