हरियाणा में विभागों को किया मर्ज, जल्द जारी होगी अधि सूचना

चंडीगढ़। हरियाणा मंत्रिमंडल की गत दिनों हुई बैठक में विभिन्न विभागों के विलय के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब आगामी 4-5 दिनों में सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके लिए विभागों के प्रशासनिक सचिवों से टिप्पणियां व नियमों संबंधी आवश्यक जानकारियां मांग ली गई हैं, जिसके बाद अधिसूचना का प्रारूप तैयार कर उसे विधि परामर्शी, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से अंतिम मंजूरी प्राप्त करने के लिए भेजा जाएगा।मुख्य सचिव संजीव कौशल ने विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ विभागों के विलय के संबंध में अहम बैठक की। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार केवल विभागों का विलय हुआ है। निदेशालय, यूटिलिटीज और प्राधिकरण पहले की तरह काम करते रहेंगे। कौशल ने कहा कि गत दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों के कामकाज में बेहतर तालमेल लाने और कार्यप्रणाली को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से एक ही प्रकार की कार्य प्रकृति वाले विभिन्न विभागों के विलय और 1 विभाग को डिजोलव करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई थी। इसलिए आज प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक कर विभागों की कार्यप्रणाली और जिन विभागों का विलय हुआ है, उसके बाद नये बने विभागों के कार्य क्षेत्रों तथा निदेशालयों से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। सभी अधिकारियों के सुझावों पर अमल करते हुए शुक्रवार शाम तक अधिसूचना का प्रारूप तैयार कर लिया जाएगा।कौशल ने कहा कि हरियाणा सरकार कार्य (आबंटन) नियम का बारीकि से अध्ययन करने की आवश्यकता है। समय-समय पर अधिनियमों में हुए संशोधनों और नियमों में बदलाव के कारण कार्य आबंटन नियमों में भी बदलाव हुआ है। लेकिन विभागों के कार्यों में एकरूपता लाने तथा कार्य संचालनों में सगुमता लाने हेतू हरियाणा सरकार कार्य (आबंटन) नियम का अध्ययन कर आवश्यक संशोधनों की जरूरत है। उन्होंने मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव तथा कार्मिक विभाग के विशेष सचिव को भविष्य में ‌इन नियमों का अध्ययन करने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों से भी सुझाव लिये जाएंगे कि उनके विभागों से संबंधित किन क्षेत्रों को नियमों में शामिल करने की आवश्यकता है और किन बिंदुओं को नियमों से हटाना है।ऊर्जा विभाग : निर्णय के अनुसार, अब नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभा को विद्युत विभाग के साथ विलय किया गया है और विभाग का नाम बदलकर ऊर्जा विभाग किया गया है।सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय विभाग : अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का विलय करने के बाद इनका नाम इनका बदलकर सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय विभाग किया गया है।उच्चत्तर शिक्षा विभाग : उच्चतर शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का विलय एक सिंगल विभाग में किया गया है। इस विभाग का नाम उच्चत्तर शिक्षा विभाग किया गया है।हैरिटेज और पर्यटन विभाग : पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग का पर्यटन विभाग में विलय किया गया है। इस विभाग का नाम बदलकर हैरिटेज और पर्यटन विभाग किया गया है।पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग : वन एवं वन्य जीव विभाग तथा पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का विलय कर इसका बदलकर पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग किया गया है।सूचना, जनसम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग : कला एवं संस्कृति विभाग का विलय सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के साथ किया गया है और इसका नाम बदलकर सूचना, जनसम्पर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग किया गया है।युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमशीलता विभाग : खेल विभाग से केवल युवा मामलों के घटक को निकाल कर कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग और रोजगार विभाग के साथ विलय किया गया है। विलय करने के बाद विभाग का नाम युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमशीलता विभाग किया गया है। नया विभाग कौशल, प्रशिक्षण व कौशल शिक्षा सहित युवा मामलों को व्यापक रूप से देखेगा।उद्योग एवं वाणिज्य विभाग : आज के समय में इलेक्ट्रॉनिक और आईटी उद्योग सभी प्रकार की औद्योगिक गतिविधियों से मजबूती से जुड़ा हुआ है। इसलिए, राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को भंग करने और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण तथा निजी आईटी को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के दायरे में लाने का फैसला किया है।इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के वर्तमान कार्यों को विभिन्न मौजूदा विभागों को आवंटित किया गया है। इसके तहत, आईटी उद्योग से संबंधित कार्य/विषयों को उद्योग विभाग को पुनः आवंटित किया गया है। ई-गवर्नेंस से जुड़े कार्य/विषयों और परियोजनाओं/शासन में आईटी के उपयोग को नागरिक संसाधन सूचना विभाग को फिर से आवंटित किया जाना जाएगा। हारट्रोन एक इकाई के रूप में रहेगा और उद्योग विभाग को आवंटित किया जाना चाहिए।सामान्य प्रशासन विभाग : निगरानी एवं समन्वय विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग को एक मौजूदा विभाग जोकि सामान्य प्रशासन विभाग है, में विलय कर दिया गया है।हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, हरियाणा लोक सेवा आयोग, सीईटी के संबंध में नीतियां, जो पहले मानव संसाधन विभाग को हस्तांतरित किए गए थे, उन्हें वापस ले लिया जाएगा और सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया जाएगा। इसके अलावा, आपूर्ति एवं निपटान निदेशालय को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग से वित्त विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग : चकबंदी विभाग तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का विलय कर दिया गया है और इसका नाम बदलकर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग किया गया है। इसके अलावा, फायर सर्विस, फायर सेफ्टी निदेशालय को शहरी स्थानीय निकायों से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में स्थानांतरित किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.