
शहीद ए आजम भगत सिंह के नाम से चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नामकरण करने की घोषणा पर दिल्ली के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों पर कार्य करने वाले हरपाल सिंह राणा ने बताया कि पंजाब सरकार के द्वारा भगत सिंह के जन्म दिवस पर वर्ष 2007 में चंडीगढ़ हवाई अड्डे का नामकरण भगत सिंह के नाम से करने की घोषणा की गई थी लेकिन 15 वर्ष तक इस पर बहुत सी राजनीति हुई इसमें पंजाब सरकार चाहती थी कि चंडीगढ वायर दे का नाम शहीदे आजम भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा मोहाली किया जाए जबकि हरियाणा सरकार मोहाली के बजाय चंडीगढ लगवाना चाहिए थी चंडीगढ़ और मोहाली के बीच में फस गया था एक शहीद का सम्मान इसके लिए देश के बहुत से व्यक्ति, संस्था,शहीदे आजम भगत सिंह जी के परिवार सहित देश के अनेकों शहीदों के परिवार प्रयासरत थे। इन सभी के प्रयासों से यह कार्य सफल हुआ है।
इस अवसर हरपाल सिंह राणा ने मांग की शहीदों को शहीद का दर्जा दिया जाना आरंभ किया जाना चाहिए, और शहीदों को भारत रत्न और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जाए। लेखक जुनेजा ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर देश में शहीद एवं क्रांतिकारियों पर राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय और स्मारक बनाया जाना चाहिए। जिसमें आजादी के लिए बलिदान हुए सभी शहीदों का क्रांतिकारियों का सम्मान दीया जा सके। जिस से युवा एवं भावी पीढ़ी प्रेरणा लेकर देश और समाज के लिए कार्य कर सकें।
इसलिए पंजाब और हरियाणा सरकार को इस पर ध्यान देकर शहीदों को शहीद का दर्जा और भारत रत्न की कार्रवाई की शुरुआत करके भारत सरकार को निवेदन भेजना के लिए महामहिम राज्यपाल पंजाब और हरियाणा को ज्ञापन भी दिया गया, नियमों के अनुसार यह प्रस्ताव राज्य सरकार के द्वारा भारत सरकार को भेजा जाना आवश्यक है।
आजादी के “अमृत उत्सव” पर शहीदों को यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी इस पर कार्य करने बीएस गिल, अमनदीप ने भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।