आजादी का अमृत महोत्सव: 27 को मुख्यमंत्री समस्त कैबिनेट के साथ देखेंगे ‘स्वराज-भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’

चंडीगढ़। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव को हरियाणा एक अनूठे अंदाज में मनाने जा रहा है, जिसमें न केवल आजादी के आंदोलन की झलक देखने को मिलेगी बल्कि आजादी के दिवानों द्वारा दिए गए बलिदान की अमरगाथा भी देखने व सुनने को मिलेगी। प्रदेश सरकार आजादी के अमृत महोत्सव को विशेष तवज्जो दे रही है, ताकि आज की युवा पीढ़ी को आजादी से पहले अंग्रेजी हुकूमत द्वारा भारतीयों पर ढहाई गई बर्बरता से अवगत करवाया जा सके।
हरियाणा में आजादी के आंदोलन के दौरान हरियाणावासियों द्वारा दिए गए बलिदान से जुड़ी अनेक घटनाएं हैं, जिनमें रोहनात गांव का उल्लेख सर्वोपरी है। अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता का गवाह रहा भिवानी जिला के गांव रोहनात की कहानी पर आधारित नाटक ‘दास्तान-ए-रोहनात’ का मंचन स्वयं मुख्यमंत्री ने देखा। इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इस दिन रोहनात व उसके आसपास के गांवों के लगभग 500 निवासियों को नाटक देखने के लिए विशेष रूप से हिसार में आमंत्रित किया गया। इसके बाद पंचकूला में विभाजन विभीषिका पर बनाई गई फिल्म को भी हरियाणा के मुख्यमंत्री ने देखा।
इसी कड़ी में दूरदर्शन द्वारा देश की आजादी के 75वें महोत्सव पर तैयार किए गये 75 एपिसोड के सीरियल ‘स्वराज-भारत के स्वतंत्रता संग्राम की समग्र गाथा’ की 27 सितंबर को पंचकूला के इंद्रधनुष सभागार में विशेष स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल समस्त मंत्रिमण्डल के सदस्यों के साथ इस विशेष स्क्रीनिंग को देखेंगें।  
ख़ास बात यह है कि इस सीरियल में न केवल मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई और भगतसिंह जैसे जाने-माने नायकों के किस्सों को शामिल किया है बल्कि इस सीरियल में अज्ञात, अनसुने और भूले-बिसरे नायकों व वीरांगनाओं जैसे रानी अबक्का, बक्शी जगबंधु, तिरोत सिंह, सिद्धो कान्हो मुर्मु, शिवप्पा नायक कान्होजी आंग्रे, रानी गाइदिन्ल्यू और तिलका मांझी जैसे वीर योद्धाओं के बलिदान से जुड़ी कहानियां भी शामिल की गई हैं, जिनका बलिदान अनसुना-अनकहा रह गया था

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